उत्तराखण्ड को 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अन्तर्गत Most Film Friendly (Special Mention) पुरस्कार

      

      68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की जूरी ने साल 2020 के विजेताओं की घोषणा कर दी है। इस घोषणा से पहले अध्यक्ष और अन्य जूरी सदस्यों ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की और उन्हें विजेताओं की सूची सौंपी। श्री ठाकुर ने सभी विजेताओं को बधाई दी और कहा कि कोविड महामारी के कारण साल 2020 फिल्मों के लिए ख़ास तौर पर मुश्किल साल रहा, फिर भी इन नामांकनों में कुछ बहुत अद्भुत फ़िल्में देखने को मिली हैं। मंत्री महोदय ने जूरी का भी धन्यवाद किया जिन्होंने पूरी लगन के साथ इन प्रविष्टियों को देखा और इनमें से पुरस्कारों के लिए सर्वश्रेष्ठ को चुना।इस जूरी में भारतीय सिने जगत के प्रख्यात फिल्मकार और फिल्मी हस्तियां शामिल थीं। इन पुरस्कारों की घोषणा गैर-फीचर जूरी के अध्यक्ष श्री चित्रार्थ सिंह, सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ लेखन जूरी के अध्यक्ष श्री अनंत विजय, और फीचर फिल्म जूरी (सदस्य- केंद्रीय पैनल) के श्री धर्म गुलाटी द्वारा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव श्रीमती नीरजा शेखर की उपस्थिति में की गई।


मध्य प्रदेश ने इस दौरान फिल्मों के लिए सर्वाधिक अनुकूल राज्य यानी मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का पुरस्कार जीता जबकि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश को विशेष उल्लेख प्राप्त हुआ। किश्वर देसाई की 'द लॉन्गेस्ट किस' ने संबंधित वर्ष के लिए सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तक का पुरस्कार जीता, वहीं मलयालम पुस्तक 'एम टी अनुभवनगलुड पुष्टकम' और उड़िया पुस्तक 'काली पाइन कलीरा सिनेमा' को विशेष उल्लेख प्राप्त हुआ।मु

          मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड को 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अन्तर्गत Most Film Friendly (Special Mention) पुरस्कार मिलने पर समस्त प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह हम सभी के लिए गौरवान्वित करने वाला क्षण है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने फिल्म निर्माण को लेकर निर्माताओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के दृष्टिगत राज्य में जो फिल्म नीति बनाई है, वो कारगर साबित हो रही है।

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