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केदारनाथ : फिर टूटा ग्लेशियर! 2013 की यादें ताजा! Kedarnath। Kedarnath dham। Kedarnath Yatra। Chardham। uttarakhand। Himalaya। हिमालय

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                        उच्च हिमालयी क्षेत्रों में अक्सर प्राकृतिक तौर पर हिमखण्डों का टूटना, बर्फीले तूफानों का आना, या फिर ग्लेशियरों में कुछ न कुछ हलचल होना एक आम सी बात होती है, लेकिन जब उच्च हिमालयी क्षेत्र में केदारनाथ जैसे पूरे शहर बसे हों और हजारों की तादात में पर्यटक वहाँ मौजूद हों तो फिर इस तरह की घटनाओं से दहशत फैलना लाजमी है। अगर बात केदारनाथ की हो तो 2013 जैसी भीषण आपदा के जख्म अभी हरे होने के कारण केदारनाथ के आस पास ऐसी घटनायें होने पर एक डर का माहौल बन जाना भी स्वाभाविक है।                          केदारनाथ में 10 दिनों के भीतर लगातार यह दूसरी घटना है जब केदारनाथ के ठीक पीछे स्थित चौराबाड़ी ग्लेशियर के ऊपर केदारनाथ शिखर पर इस तरह ग्लेशियर टूटने की घटना देखने को मिली है, लेकिन ग्लेशियर टूटने की घटना केदारनाथ से अधिक दूरी पर होने के कारण किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। वहीं केदारनाथ यात्रा 2022 में अब महज कुछ ही दि...

केदारनाथ : मंदिर गर्भगृह में लगने वाले सोने की परतों का तीर्थ पुरोहित समाज ने किया विरोध ! भूखहड़ताल की चेतावनी! /Kedarnath/Kedarnath Dham/Chardham/

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  दुर्गेश तिवारी केदारनाथ धाम -                      चारधाम यात्रा में दिनोदिन पर्यटकों /तीर्थयात्रियों की रिकार्ड बढ़ती संख्या के साथ मंदिर समितियों के पास भी दान के रूप में खूब धन एकत्र हो रहा है चाहे वह आधुनिक प्रचलित मुद्रा के रूप में हो अथवा सोने चाँदी समेत अन्य बहुमूल्य धातुओं के रूप में। इसी बीच खबर चारों धामों में से सर्वाधिक ख्याति प्राप्त या यूँ कहें कि सबसे अधिक पर्यटक/तीर्थ यात्री संख्या वाले केदारनाथ धाम से है, जहाँ इन दिनों केदारनाथ गर्भगृह में दीवारों व खम्भों पर सोने की परत चढ़ाने की तैयारी चल रही है। कुछ ही वर्ष पहले लगी चाँदी की परतें उतार कर सोने की परत चढ़ाई जा रही है। जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के एक दानी द्वारा मन्दिर गर्भगृह पहले से लगी चाँदी परत उतारकर लगभग 230 कीग्रा की सोने की परत चढ़ाने की तैयारी की जा रही है, जिसके लिए मन्दिर गर्भगृह की दीवारों पर जगह - जगह ड्रिल मशीनों से छेद किये जा रहे हैं।             मन्दिर के गर्भगृह में पूर्व से लगी चाँदी की परतें ...

चार माह में चालीस लाख पर्यटक, चारधाम यात्रा ने बनाया नया रिकार्ड!

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          हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले प्रत्येक ब्यक्ति का अथवा प्राकृतिक विविधता को बेहतर जानने या समझने के इच्छुकों का जीवन में कभी न कभी उत्तराखण्ड के चार धामों की चारधाम यात्रा करने का मन रहता ही है। इन तीर्थ स्थलों में प्रत्येक श्रद्धालु अथवा प्रकृति प्रेमी जीवन में कभी न कभी जरूर पहुंचना चाहता है, और जिस तरह सरकार (चाहे वह केन्द्र की हो या फिर राज्य की) उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा का प्रचार-प्रसार कर रही है उससे प्रतिवर्ष दर्शनार्थियों/तीर्थ यात्रियों/पर्यटकों अथवा भौगोलिक विविधता को करीब से जानने के शौकीनों की बढ़ती संख्या धामों में रिकार्ड ही बना रही है।              अगर बात करें इस वर्ष यानि 2022 की चार धाम यात्रा की तो अभी तक करीब चार माह से कुछ अधिक समय की यात्रा में लगभग 40 लाख से अधिक यात्री चारों धामों के दर्शन कर पुराने तमाम रिकार्ड तोड़ चुके हैं। जहाँ सप्ताह में हर रोज पहले 5 हजार यात्री ही चार धाम यात्रा पहुँच रहे थे वहीं अब यह आंकड़ा 25 हजार तीर्थ यात्रियों तक अथवा इससे अधिक पहुँच चुका है। ...