केदारनाथ : मंदिर गर्भगृह में लगने वाले सोने की परतों का तीर्थ पुरोहित समाज ने किया विरोध ! भूखहड़ताल की चेतावनी! /Kedarnath/Kedarnath Dham/Chardham/


 दुर्गेश तिवारी केदारनाथ धाम -
                    चारधाम यात्रा में दिनोदिन पर्यटकों /तीर्थयात्रियों की रिकार्ड बढ़ती संख्या के साथ मंदिर समितियों के पास भी दान के रूप में खूब धन एकत्र हो रहा है चाहे वह आधुनिक प्रचलित मुद्रा के रूप में हो अथवा सोने चाँदी समेत अन्य बहुमूल्य धातुओं के रूप में। इसी बीच खबर चारों धामों में से सर्वाधिक ख्याति प्राप्त या यूँ कहें कि सबसे अधिक पर्यटक/तीर्थ यात्री संख्या वाले केदारनाथ धाम से है, जहाँ इन दिनों केदारनाथ गर्भगृह में दीवारों व खम्भों पर सोने की परत चढ़ाने की तैयारी चल रही है। कुछ ही वर्ष पहले लगी चाँदी की परतें उतार कर सोने की परत चढ़ाई जा रही है। जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के एक दानी द्वारा मन्दिर गर्भगृह पहले से लगी चाँदी परत उतारकर लगभग 230 कीग्रा की सोने की परत चढ़ाने की तैयारी की जा रही है, जिसके लिए मन्दिर गर्भगृह की दीवारों पर जगह - जगह ड्रिल मशीनों से छेद किये जा रहे हैं।


            मन्दिर के गर्भगृह में पूर्व से लगी चाँदी की परतें उतारकर अभी ताम्बे की परतों को अभी ट्रायल अथवा फिटिंग के लिए बिठाया जा रहा है जैसे ही ताम्बे की परतों की डिजायन व फिटिंग फिक्स हो जाती है उसके बाद उसे उतारकर लगभग 230 कीग्रा सोने की परत दीवारों पर चढ़ाई जाएगी।

            जहाँ एक ओर सोने की परत चढ़ाने की तैयारी जोर शोर से चल रही है वहीं दूसरी ओर केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज के लोग इसका विरोध कर रहे हैं, पुरोहितों का कहना है कि पूर्व में भी जब चाँदी की परत चढ़ाई जा रही थी तब भी मन्दिर गर्भ गृह में खूब तोड़ फोड़ की गई थी जिसका तीर्थ पुरोहित समाज ने तब भी विरोध किया था लेकिन शासन प्रशासन ने तब तीर्थ पुरोहित समाज की एक न सुनी और दीवारों पर चाँदी की परतें जबरन ठोक दी गई। एक बार फिर मन्दिर के गर्भगृह में बड़ी बड़ी ड्रिल मशीनों से सोने की परतों को फिट बैठने हेतु दीवारों पर छेद किये जा रहे हैं अथवा पौराणिक मन्दिर में तोड़ फोड़ की जा रही है, जो कि प्राचीन परंपरा के सख्त खिलाफ है।

      धाम के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि मन्दिर के गर्भ गृह में किसी भी प्रकार से सोने की परत नहीं लगाने दी जाएगी, सोने की परत लगाने से मन्दिर की पौराणिक परंपराओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। मन्दिर के भीतर जो चार स्तम्भ मौजूद हैं उनमे स्वयं भगवान का निवास है और उन स्तम्भों की तीर्थ पुरोहित समाज की ओर से पूजा की जाती है, जबरन उन पर सोने की परत चढ़ाना सही नहीं है। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि यदि जबरन सोने की परतें चढ़ाने की कोशिश की जाती है तो इसका तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा घोर विरोध किया जायेगा और यदि जरुरत पड़ी तो पुरोहित समाज विरोध में भूख हड़ताल आंदोलन करने को बाध्य होगा। तीर्थपुरोहितों ने कहा कि केदारनाथ मोक्ष का धाम है राजा परीक्षित ने जब कलयुग को बंदी बनाया था तो कलयुग ने अपने लिए सोने चाँदी का स्थान माँगा था, केदारनाथ मोक्ष धाम होने के कारण यदि इसके गर्भ गृह के अन्दर सोने चाँदी के रूप में कलयुग को बैठाया जायेगा तो यहाँ दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों को मोक्ष की प्राप्ति कैसे होगी। केदारनाथ मन्दिर के मुख्य द्वार पर भी चाँदी लगाई गई है जो कि मोक्ष धाम के हिसाब से गलत है, ये सनातन धर्म के खिलाफ है, सभी हिन्दुओं को एकजुट होकर मन्दिर गर्भ गृह के अन्दर लगाए जाने वाले सोने का विरोध करना होगा।

टिप्पणियाँ

  1. જય કેદારનાથ
    હું તા -૧૮-૫-૦૨૨ ના રોજ કેટલું કષ્ટ વેઠીને બાબા દર્શન કરવા માટે આયો હતો પરંતુ ત્યાં ના પ્રશાસન દ્વારા ( પોલીસ ) મને ધક્કો મારી ને બહાર કાઢી મુકવામાં આવ્યો હતો. મને બાબા ના શિવલિંગ ના દર્શન ન જ નથી થયાં શિવલિંગ કેવું છે. ગર્ભ ગૃહ માં તો જવા જ દેતા નથી અને બહાર પણ બે મિનિટ માટે દર્શન કરવા ઉભા નથી રહેવા દેતાં તો પછી પ્રશાસન શા માટે આવા સોનાનાં પતરાં મારવા ના તારા કરે છે. અમારા ગુજરાત માં સોમનાથ મંદિર દર્શન કરવા આવો કેવા સરસ દર્શન કરાવે છે. અહીં ના પ્રશાસન.
    ઉત્તરાખંડમાં માં યોગ્ય વ્યવસ્થા નથી.
    આજે પણ મને ઘણું જ દુઃખ છે કે મને આત્મસંતોષ થાય એવા બાબા કેદારનાથ ના દર્શન નથી થયાં.
    મારી સરકાર શ્રી ને વિનંતી છે. કે મંદિર માં કોઈ પણ ફેરફાર કરશો નહીં.
    જય કેદારનાથ
    હર હર મહાદેવ

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