नई दिल्ली : पौड़ी के लेo जo (रिo) अनिल चौहान बने देश के दूसरे सीडीएस। CDS Anil Chauhan। Paudi Garhwal।
उत्तराखण्ड के पौड़ी जनपद को हमेशा से ही देश सेवा विशेष स्थान प्राप्त रहा है चाहे वह शासनिक पदों पर हो या फिर प्रशासनिक पदों पर हो। यूँ तो समूचा उत्तराखण्ड ही सेना में सेवा के मामले में देश में अग्रणी स्थान बनाता है लेकिन इसके 13 जनपदों में सर्वाधिक नेता/अधिकारी देने में पौड़ी जनपद का सदैव प्रथम स्थान रहा है इसमें कोई दो राय नहीं है। देश के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा, प्रथम CDS विपिन रावत, से लेकर उत्तराखण्ड को सर्वाधिक मुख्यमंत्री, प्रशासनिक अधिकारी देने में पौड़ी जनपद अग्रणी रहा है, और न जाने कितने लोगों ने समय - समय पर पौड़ी जनपद का मान बढ़ाया है। अगर बात करें देश के प्रथम CDS विपिन रावत की तो वे भी पौड़ी जनपद से ताल्लुक रखते थे और उनका पौड़ी प्रेम भी आये दिन देखने को मिलता रहता था। एक बार फिर पौड़ी जिले का नाम पूरे देश में चर्चा में है, जिसके मूल कारण देश के दुसरे CDS लेo जo (रिo) अनिल चौहान हैं। जनरल विपिन रावत के विमान दुर्घटना शहीद होने के बाद से ही देश का यह अहम पद खाली पड़ा था।
लेo जo (रिo) अनिल चौहान CDS नियुक्त किये जाने से पूर्व नेशनल सिक्योरिटी काऊंसिल सेक्रेटेरियल में मिलिट्री एडवाइजर के रूप में सेवा दे रहे थे। अनिल चौहान ने सेना में 40 वर्षो तक अपनी सेवा द्वारा योगदान दिया। पिछले वर्ष प्रथम CDS विपिन रावत की हेलीकाप्टर दुर्घटना में मृत्यु के कारण यह पद तब से ही खाली पड़ा था जिस पर अब अनिल चौहान नियुक्त किये गए हैं।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बधाई देते हुवे अपने ट्वीट के माध्यम से कहा कि "उत्तराखण्ड के सपूत लेo जo अनिल चौहान (सेo निo) जी को चीफ ऑफ डिफेन्स नियुक्त किये जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुबकामनाए। हमें पूर्ण विश्वास है कि आपके कुशल नेतृत्व में भारतीय सेना सदैव की भाँति राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित करेगी।"
लेo जo अनिल चौहान (सेo निo) को 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल में शामिल किया गया था, उन्होंने नेशनल डिफेन्स एकेडमी खडकवासला एवं इंडियन मिलेट्री एकेडमी देहरादून में अपनी शिक्षा व ट्रेनिंग पूरी की थी। अनिल चौहान मूलरूप से पौड़ी जनपद के खिर्सू ब्लॉक की ग्राम सभा रामपुर कांडा गवाना के निवासी हैं, उनके चचेरे भाई दर्शन सिंह चौहान ने बताया कि वे पांच वर्ष पूर्व ही परिवार सहित पूजा कार्य में सम्मिलित होने हेतु गाँव आये थे।
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