खेल जगत : विराट-रोहित के फैन के बीच हुई बहस, रोहित के फैन की हत्या। Virat Kohli। Rohit Sharma। Cricket। Cricket Fight
क्रिकेट... भारत में खेल की दुनियाँ के हिसाब से सबसे लोकप्रिय खेल बन चुका है, इस खेल के प्रशंसकों में एक बहुत बड़ा धड़ा क्रिकेट को धर्म तो क्रिकेटरों को भगवान की तरह देखता है। और देखे भी क्यों नहीं... क्रिकेट जितना ग्लैमर, फैन फॉलोइंग, पैसा, इज्जत भारत में अन्य किसी खेल में शायद ही हो। जहाँ अकसर क्रिकेट के मैदान में खिलाडियों के बीच जीत को लेकर बहस होती रहती हैं वहीं मैदान से बाहर अलग अलग टीम या अलग अलग खिलाडियों के प्रशंसकों के बीच भी रोज जमकर बहस देखने को मिल ही जाती है और कभी कभी हाथपाई तक की नौबत आ जाती है । इसी का ताजा उदाहरण हमें हाल ही में संपन्न एशिया कप में देखने को मिला था, जहाँ पाकिस्तान बनाम अफगानिस्तान मैच के दौरान पाकिस्तान के बल्लेबाज ने अफगानिस्तान के गेंदबाज पर बल्ला तक उठा दिया था, लेकिन अन्य खिलाड़िओ के बीच बचाव से मामला शांत हो गया था। और दोनों खिलाडियों को इस गलती की सजा भी दी गई थी। जहाँ एक ओर पाकिस्तान-अफगानिस्तान के के खिलाड़ी मैदान में लड़ रहे थे वहीं मैदान के बाहर स्टेडियम में ही दोनों टीमों के समर्थकों के बीच जमकर लात घूसे चले।
लेकिन इस बार ऐसा मामला जरा अलग या फिर यूँ कहें कि पहली बार देखने को मिला है इसमें शायद ही कोई दो राय होंगी। क्योंकि इस बार बात बहस या हाथपाई से अलग हत्या तक को अंजाम दे गई।
दरअसल मामला तमिलनाडु के आलियालुर जिले की पोय्यूर ग्राम सभा से सामने आया है, जहाँ दो दोस्तों के बीच क्रिकेट को लेकर बहस इतनी अधिक बढ़ गई की दोस्त ने ही दोस्त की हत्या तक कर दी। गाँव के दो दोस्त विग्नेश और धर्मराज अकसर साथ साथ मैच खेलते और देखते थे, जहाँ विग्नेश विराट का तो वहीं धर्मराज रोहित का जबरा फैन था। दोनों दोस्तों में इस बात की बहस छिड़ गई की विराट कोहली बेहतर बल्लेबाज है या फिर रोहित शर्मा। धर्मराज द्वारा विराट कोहली और विराट कोहली की आईपीएल टीम आरसीबी को बेइज्जत करना महँगा पड़ गया, विराट के फैन विग्नेश से विराट की और आरसीबी की तौहीन बर्दास्त नहीं हुई और गुस्से में आकर पहले उसने धर्मराज के सर पर बल्ला और फिर शराब की बोतल ही सर पर फोड़ दी, जिससे मौके पर ही धर्मराज की मृत्यु हो गई। पुलिस के द्वारा दौनो दोस्तों के शराब के नशे में होने की पुष्टि की गई है।
अब हमें समझने की अवश्यकता है कि आज की युवा पीढ़ी किस तरह की खेल भावना को अपने मन मस्तिष्क में पनपा रही, जिसमे न खेलों की खेल भावना और न ही इस खेल पर लगे जेंटलमेन गेम के टैग को सार्थक कर रही है।
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